भगत सिंह : कितने दूर, कितने पास
भगत सिंह हमारी राष्ट्रीय चेतना में कितने गहरे बसे हैं इसका अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि धुर दक्षिणपंथी दलों से लेकर धुर वामपंथी दलों तक उन्हें अपना नायक बनाने और उनसे अपनी परम्परा जोड़ने का भरसक प्रयास करते हैं. उनके जन्मशताब्दी वर्ष में शायद ही देश की कोई ऐसी पत्रिका होगी जिसने…