Paperback: 464 pages
Publisher: Rajpal and Sons; 1 edition (10 January 2018)
Language: Hindi
ISBN-10: 9789386534453
ISBN-13: 978-9386534453
ASIN: 9386534452
Paperback: 464 pages
Publisher: Rajpal and Sons; 1 edition (10 January 2018)
Language: Hindi
ISBN-10: 9789386534453
ISBN-13: 978-9386534453
ASIN: 9386534452
इतिहास और समकाल कश्मीर के प्राचीन काल से लेकर आज तक का एक सामाजिक राजनैतिक इतिहास है। इस किताब का इतिहासकारों, पत्रकारों, छात्रों और आम पाठकों ने ख़ूब स्वागत किया है और प्रकाशन के तेरहवें महीने में इसके तीन संस्करण हो चुके हैं।
‘‘अशोक कुमार पाण्डेय की ‘कश्मीरनामा’ हिन्दी में कश्मीर के इतिहास पर एक पथप्रदर्शक किताब है। यह किताब घाटी के उस राजनैतिक इतिहास की उनकी स्पष्ट समझ प्रदर्शित करती है जिसने इसे वैसा बनाया, जैसी यह आज है।’’
-शहनाज बशीर, युवा कश्मीरी उपन्यासकार
‘‘ ‘कश्मीरनामा’ पढ़कर इस बात का सुखद अनुभव होता है कि इसे एक-एक ऐतिहासिक घटना को बड़े एहतियात के साथ, छेड़े बिना, किसी भी प्रकार के पूर्वग्रह से मुक्त होकर लिखा गया है। मुझे उम्मीद है ‘कश्मीरनामा’ को कश्मीर में रुचि रखने वाले पाठक, शोधकर्ता और शिक्षक कश्मीर के इतिहास की पुस्तकों में एक दिग्दर्शन-पुस्तक के रूप में लेंगे।’’
-डॉ. निदा नवाज, प्रख्यात कश्मीरी कवि तथा लेखक
‘‘कश्मीर के अतीत और वर्तमान की समझ को लेकर हमारे चारों ओर जो खौफनाक चुप्पी पसरी है उसे तोड़ने की कोशिश करती इस पथप्रदर्शक किताब के महत्व को कम करके नहीं आँका जा सकता। चूँकि कश्मीर हर हिंदुस्तानी की जबान पर मौजूद रहता है, थोड़ी असहजता के साथ ही सही, ऐसी दर्जनों किताबें पहले ही हिन्दी पाठकों के सम्मुख होनी चाहिए थीं। अब इस तरह के कदमों से कश्मीर को अखबारों और टेलीविजन की सुर्खियों के शिकंजे से बचाया जा सकता है, और ये एक शुरुआती संवाद का रूप भी ले सकते हैं जिससे लोग यह विचार कर सकें कि कश्मीर से भारत को आखिर क्या मिला है। और भारत ने कश्मीर में क्या किया है।’’
-संजय काक, जाने माने फिल्मकार और लेखक
अशोक कुमार पाण्डेय एक चर्चित कवि और विचारक हैं जो सामार्थिक विषयों पर गहन शोध के लिए जाने जाते हैं। उनसे ashokk34@gmail.com पर सम्पर्क किया जा सकता है।
Itihas aur Samkal is a socio-political history of Kashmir from ancient period to our times. In it’s third edition within 13 months it has been welcomed by historians, journalists and students alike.
© ASHOK KUMAR PANDEY /// Idea, Work & Code : AMI TESH